चाहता है मन मेरा चाहता है मन मेरा
क्या बोलूं मैं जब हारा तन है मन की कैसे करूं जब खारा मन है क्या बोलूं मैं जब हारा तन है मन की कैसे करूं जब खारा मन है
तन कृष्णा कृष्णा है मन कृष्णा कृष्णा है तेरी प्रीत की तृष्णा है। तन कृष्णा कृष्णा है मन कृष्णा कृष्णा है तेरी प्रीत की तृष्णा है।
मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ
मैं धरा पर कदम रखकर आकाश का हाथ पकड़ लेना चाहता हूँ मैं धरा पर कदम रखकर आकाश का हाथ पकड़ लेना चाहता हूँ
हादसों के बीच पला हूँ खुद के लिए ही बला हूँ नूर यूँ ही नहीं है चेह्रे पे हँस कर गम हादसों के बीच पला हूँ खुद के लिए ही बला हूँ नूर यूँ ही नहीं है चेह्रे ...